रविवार, 2 मई 2021

मेरे सर्वप्रिय सर - संजय सर

12:42:00 am

 *आदरणीय सर* 

यूं तो अल्पावधि का ही मेरा सेवाकाल

सौभाग्यवश, अनेकों श्रेष्ठजनों के सान्निध्य से हुआ निहाल

परन्तु आप से न केवल मार्गदर्शन मिला

अपितु नैतिक ज्ञान के साथ, अतुल्य स्नेह भी मिला

विषम परिस्थितियों में भी सहज रहने की क्षमता

प्रतिकूलता में भी अनुकूलता ढूंढने की कला

सदैव कर्मरत आपका विलक्षण स्वभाव,

 सहज आकर्षित करता, सदैव प्रेरित करता, नहीं रहता दुराव


वर्तमान स्टेशन पर समाप्त हो रहे आपका सेवाकाल

सहज मार्गदर्शन के अभाव का अवश्य रहेगा मलाल


 मंगलमूर्ति प्रभु से है यही प्रार्थना

आपको उन्नति के शिखर पर पहुंचाए

और पूरी करें हर मनोकामना


वर्तमान विषम परिस्थिति में प्रभु आपको सपरिवार स्वस्थ रखें

और सदैव आपके सान्निध्य से हमें लाभान्वित करें🙏🙏🙏🙏🙏


---

सादर

शुभेश