शुक्रवार, 4 नवंबर 2022

नयन नीर भरि रोए बकरिया

नयन नीर भरि रोए बकरिया


नयन नीर भरि रोए बकरिया,

कोन कसूरवा मोर हे।

घासे पाते हम चिबाबी

नै किनको त हम सताबी,

करी ने हम बलजोर हे।


अपन बच्चा सन मनुखक बच्चा

दूध पीएलौं, बूझि के सच्चा

लाज ने आबै तोर हे।


शुभ अवसर तोहर घर आओल

मंगलगीत सखी सब गाओल

हमहूँ नचितौं जोर रे।


कोन कसुरवे हम सताओल

रुधिर धार किआ मोर बहाओल

मांस खाओल किआ मोर रे।


कहलथि सद्गुरु सत्य कबीर

जम केर फ़ांस में पड़लै जीव

जनम सुधारो तोर हे।।

नयन नीर भरि रोए बकरिया......

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साहेब बन्दगी-३🙏🙏🙏

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