चहुँ दिशि घिरल अन्हरिया
Admin
2:26:00 pm
चहुँ दिशि घिरल अन्हरिया
चहुँ दिशि घिरल अन्हरिया ओ बाबा
चहुँ दिशि घिरल अन्हरिया
कतौ ने देखी इजोरिया ओ बाबा
कतओ ने देखी इजोरिया
इंद्री कुटिल भाव मुस्काबय
माया ठगिनी बाण चलाबय
निशि दिन जग भरमाबय ओ बाबा
काम क्रोध के अगिन जराबै
लोभ मोह दिन रात सताबै
डरबै दुःखक बदरिया ओ बाबा
पंथ बतएलौं गुरू कृपा के
साधु संत चलथिन्ह जाहि बाटे
चललौं ताहि डगरिया ओ बाबा
काग जहाजक गति प्रभु मोरा
जाऊं कत, करू ककर निहोरा
शुभेश आब अहींक शरणियाँ ओ बाबा
हम सब अहींक शरणियाँ
🙏🙏🙏