तेरी याद
सूनी सूनी अंखिया मेरी चितवत है चहु ओर ।
कहां छुपी है मेरी चन्दा, ढूंढे तुझे चकोर ।।
जहां भी देखूं कोई गुड़िया, लगे है जैसी मेरी सोना ।
जैसे मुझसे बोल रही हो, पापा देखो मैं ही हूं ना ।।
कहीं भी देखूं कोई सूरत ।
ममतामयी मां की कोई मूरत ।।
याद तुम्हारी मुझे सताये ।
अधर हैं सूखे नयन भर आये ।।
तन भीगा, दर्पण भीगा है ।
नयन धार से बसन भीगा है ।।
मन प्यासे को कौन बताये ।
नयन नीर कब प्यास बुझाये ।।
....शुभेश
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