हे दीन दयाल दया कीजै ।
हम दीन अबोध की अरजी लीजै ।।
हे नाथ, सनाथ तुमहि से हम,
नहिं हमे अनाथ प्रभो कीजै ।।
हे जगत—पिता, हे परम—पूज्य,
विनती बस इतनी है तुमसे ।
हम सबके नाथ और पूज्य गुरू,
की स्वास्थ्य कामना है तुमसे ।।
हे नाथ कृपालु कृपा कर दो ।
हम सबकी खाली झोलियां भर दो ।।
हे दीन—दयाल, हे कृपा—निधान,
अरजी मेरी इतनी सुनिये ।
प्रभो नाथ हमारे गुरूवर को,
चिर स्वास्थ्य—लाभ को वर दीजै ।।
हे दीन दयाल दया कीजै ।
हम दीन अबोध की अरजी लीजै ।।
.....शुभेश
(परम पूज्य गुरूदेव के स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रभु से विनती हेतु नवम्बर,2009 में रचित)
हम दीन अबोध की अरजी लीजै ।।
हे नाथ, सनाथ तुमहि से हम,
नहिं हमे अनाथ प्रभो कीजै ।।
हे जगत—पिता, हे परम—पूज्य,
विनती बस इतनी है तुमसे ।
हम सबके नाथ और पूज्य गुरू,
की स्वास्थ्य कामना है तुमसे ।।
हे नाथ कृपालु कृपा कर दो ।
हम सबकी खाली झोलियां भर दो ।।
हे दीन—दयाल, हे कृपा—निधान,
अरजी मेरी इतनी सुनिये ।
प्रभो नाथ हमारे गुरूवर को,
चिर स्वास्थ्य—लाभ को वर दीजै ।।
हे दीन दयाल दया कीजै ।
हम दीन अबोध की अरजी लीजै ।।
.....शुभेश
(परम पूज्य गुरूदेव के स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रभु से विनती हेतु नवम्बर,2009 में रचित)
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