शुक्रवार, 4 नवंबर 2022

भगवन की थिक दोष हमर

भगवन की थिक दोष हमर


भगवन की थिक दोष हमर

केहि अपराध नाथ बिसराओल

हम तँ जनम जनम केर सेवक

केहि अवगुण लेल नाथ सताओल


की कही हम कोना रहै छी

अहाँ विरह में कोना जीबै छी

अहाँ कखन धरि आँखि नुकायब

हमरा दिस सँ मुंह घुमायब

हमहुँ ढीठ बड़ पैघ अहीं सन

चौखट छोरि कतहुँ नहिं जायब

भगवन की थिक........


भेल होई जौं उलट कर्म किछु

सादर चरण में सब समर्पित

गुण अवगुण के बोध ने हमरा

जौं रहितए त भटकि तौं किआ

भवसागर में छी बौराअल

भगवन जूनि करू देर, राह देखाउ

भगवन की थिक........


सब प्रकार प्रभु समरथ अहाँ

लै दुखड़ा हम जाऊं कहाँ

बेरि बेरि अहाँ जांच जे ले लौं

नाम अहीं लै पार भेलौं

आब कृपा करू समरथ स्वामी

दोष बिसारि शरण लिअ स्वामी

भगवन की थिक.........


कण-कण में प्रभु अहीं छी व्यापल

तइओ आकुल नैन अभागल

सजल नैन रहे दिवस रैन प्रभु

आकुल मनुआ तनिको ने चैन प्रभु


दरस भेटत सब कष्ट कटत

सोचि मुदित आनंद मगन छी

अछि मतिमन्द सानंद 'शुभेश'

जूनि तरपाऊ करू कृपा विशेष।।

 

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